लेखनी प्रतियोगिता -26-Feb-2022
जब जिक्र हो मेरा
जब जिक्र हो मेरा तो बस एक एहसान करना, थी मैं एक अच्छी इंसान ये ध्यान रखना।तेरी लाख बुराईयों पर मेरी अच्छाइयों का हिसाब रखना। हो गई थी तेरी हरकतों से तंग फिर भी सब सहा याद रखना, तूने हमेशा फिर भी मुझे बेज्जत किया ये याद रखना। सुन पसंद तो तू भी मुझे नहीं कई अर्से से फिर भी रिश्ते से बंधी रही याद रखना। अब हद हो गई के दिल सिर तक भर आया है। अब मेरे रब एक फैसला कर या तो इसे मुझसे दूर कर या मुझे इससे दूर कर। कोई करिश्मा दिखा या कोई जादू कर। या तो कोई राह दिखा वरना इस दुनिया से रुखसत कर। ओर फिर इसको एहसास दिला के मैं कितनी खास थी। और करे ये मेरा जिक्र के मैं जैसी थी खूब थी।
Shrishti pandey
27-Feb-2022 05:48 PM
Nice
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Rekha mishra
27-Feb-2022 11:26 AM
Ok geeta ji
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Abhinav ji
27-Feb-2022 09:15 AM
Nice one
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